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कैंसर को रोकना चाहते हैं,जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करें

पिंकी जोशी -- अनेक शोध और अध्ययनों में यह स्वीकार किया जा चुका है कि कैंसर को पनपने का मौका अधिकतर मामलों में हमारी जीवनशैली से ही मिलता है. इसलिए, अगर कैंसर की रोकथाम करना चाहते हैं, तो अपनी जीवनशैली में थोड़ा-बहुत बदलाव कर इस पर पूरी तरह लगाम लगा सकते हैं. कैंसर पर लगाम के लिए सुरक्षात्मक टिप्स:

तम्बाकू को कहें बाय-बाय--- किसी भी किस्म के तम्बाकू के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ता है. धूम्रपान का कैंसर के कई किस्मों से सीधा नाता है. इससे लंग, ब्लाडर, सर्विक्स और किडनी का कैंसर भी होता है.

चबाने वाले तम्बाकू से ओरल कैविटी और पैन्क्रियास का कैंसर होता है. अगर आप तम्बाकू का सेवन नहीं करते, लेकिन इसके बदले धूम्रपान करते हैं तो लंग कैंसर होने का ज्यादा खतरा हो सकता है.
तम्बाकू के सेवन से तौबा करने के लिए इसे छोड़ने का फैसला करें. यह कैंसर की रोकथाम का अहम हिस्सा भी है. अगर तम्बाकू छोड़ने में आपको मदद की जरूरत है, तो डॉक्टर से बात करें. छोड़ने के दूसरे उपाय भी हैं.

पौष्टिक आहार--- बाजार से कई स्वास्थ्यप्रद चीजें खरीदकर कैंसर को काफी हद तक रोकना मुमकिन है.

फलों और सब्जियों पर ज्यादा जोर दें. फलों, सब्जियों और ऐसी ही दूसरी खाद्य सामग्री को अपने भोजन का आधार बनायें. अनाज और बीन्स में भरपूर रेशे के साथ ही सीमित फैट होता है.

फैट का प्रयोग सीमित करें--- कुछ चुनिंदा हल्के फैट का चयन करें, जो जानवरों से मिलता है. हाई फैट वाली डाइट अधिक कैलोरी वाली होती है और इससे वजन बढ़ने और मोटापे का खतरा बढ़ सकता है जो कहीं न कहीं से कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.

अगर आप अल्कोहल का सेवन करते हैं तो थोड़ा संभल कर और कम मात्रा में करें . शराब की मात्रा और कितने समय से नियमित रूप से पी रहे हैं, का संबंध अनेक किस्मों के कैंसर जिनमें ब्रेस्ट, कोलोन, लंग्स, किडनी और लिवर कैंसर शामिल है, से है.

वजन को रखें संतुलित... शरीर को सक्रिय रखते हुए वजन संतुलित बनाये रखें. ऐसा करने से ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, लंग्स, कोलोन और किडनी में कैंसर होने की गुंजाइश को कम किया जा सकता है. शारीरिक व्यायाम भी मायने रखता है. इससे शरीर का वजन काबू में रहने से ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है.

जो युवा किसी भी किस्म की शारीरिक गतिविधि में शामिल हैं, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई फायदे होते हैं. स्वास्थ्य के भरपूर फायदे के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार 150 मिनट कसरत के लिए समय निकालें या 75 मिनट थोड़ा दमखम वाले शारीरिक काम करें.

आप चाहें तो थोड़ा हल्के और भारी, दोनों तरह की क्रिया नियमित रूप से भी कर सकते हैं. आमतौर पर कम से कम 30 मिनट की दैनिक कसरत करते रहने से शरीर सामान्य बना रहता है.

सूर्य की किरणों से बचें--- यूं तो कैंसर कई तरह के होते हैं लेकिन स्किन कैंसर आम है और इससे कारगर ढंग से बचाव किया जा सकता है. जहां तक संभव हो दोपहर 12 से 4 बजे तक की धूप में निकलने से बचें, क्योंकि इस दौरान सूर्य की किरणों सबसे ज्यादा तीव्र होती हैं.

अगर आपको बाहर निकलना भी पड़े तो छांव में रहने की कोशिश करें. साथ ही, सनग्लासेस जरूर पहनें. अपने शरीर के खुले अंगों को ढक कर रखें. सनस्क्रीन लगाना न भूलें.

इम्यूनाइज्ड कैंसर से बचाव में कई तरह के वाइरल इंफेक्शन से बचाव भी शामिल होते हैं. इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं. हेपेटाइटिस बी लिवर कैंसर का खतरा बढ़ाता है. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस, इंट्राविनस ड्रग यूजर्स, अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने वाले और हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को हेपेटाइटिस बी के वैक्सीन लगवाने चाहिए.

रिस्की बिहेवियर से बचें कैंसर से बचने का एक और कारगर उपाय यह है कि किसी भी तरह के रिस्की बिहेवियर से बचें जो शरीर में इंफेक्शन का कारण बने और बाद में बढ़कर कैंसर का रूप ले ले जैसे-असुरक्षित यौन संबंध. सेक्सुअल पाटर्नर की संख्या को सीमित रखें और सुरक्षित यौन संबंध बनाएं.

जीवनभर में आपके जितने ज्यादा सेक्सुअल पार्टनर होंगे, सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन का खतरा भी उतना ही ज्यादा होगा जैसे एचआईवी या एचपीवी (ह्यूमन पापीलोमा वायरस). जो लोग एचआईवी या एड्स से पीड़ित होते हैं उन्हें एनस, लिवर या लंग कैंसर का उच्च खतरा होता है. एचपीवी आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर से संबंधित है लेकिन यह एनस, थ्रोट और वेजीना के कैंसर के खतरे भी बढ़ाता है.
कभी भी प्रयोग की गई निडल इस्तेमाल न करें क्योंकि शेयरिंग निडल इंफेक्टेड हो सकती है और यह एचआईवी के साथ ही हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी का कारण बन सकता है जो लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. अगर कोई व्यक्ति ड्रग का आदी है, तो उससे बचने के लिए प्रोफेशनल सहायता ले सकते हैं.

नियमित मेडिकल केयर--- भिन्न-भिन्न प्रकार के कैंसर की जांच के लिए नियमित रूप से सेल्फ-एग्जाम और स्क्रीनिंग कर सकते हैं जैसे स्किन, कोलोन, प्रोस्टेट, कार्विक्स और ब्रेस्ट कैंसर. ऐसा करने से आप कैंसर का पता पहले ही लगा सकते हैं, जिससे इसका इलाज और ज्यादा कारगर हो सकता है.

इसके लिए डॉक्टर से कैंसर स्क्रीनिंग के बारे में बात कर सकते हैं. कैंसर से बचाव के उपाय आप अपने हाथों में लेते हुए उसकी शुरुआत आज से ही करें और जीवनभर सुरक्षित रहें.

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