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ज्ञान-विज्ञान मेल’ से पाएं नई जानकारियां

पिंकी जोशी : नई दिल्ली. युवा पीढ़ी में शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी नई-नई जानकारियों के प्रचार-प्रसार के लिए अब ‘ज्ञान-विज्ञान मेल’ की मदद ली जाएगी। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के इस प्रयास के तहत देशभर में करीब आठ महीनों तक ज्ञान-विज्ञान मेल चलाकर युवाओं को बताया जाएगा कि वे किस तरह अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा का सहारा ले सकते हैं।

करीब 2.7 करोड़ रुपए की लागत वाली इस योजना के लिए राजधानी एक्सप्रेस की तर्ज पर एक रेल तैयार की जा रही है।

इग्नू के कुलपति प्रो.वीएन राजशेखरन पिल्लई की मानें तो दो अक्टूबर से शुरू होने वाली यह रेल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से चलाई जा रही है। यह रेल विभाग के साइंस एक्सप्रेस रेल को बदलकर तैयार की जा रही है। इसमें 16 कंपार्टमेंट होंगें,जिसके एक कोच में 30 पैनल होंगें। इनमें विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षा संबंधी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। रेल में दो एलसीडी स्क्रीन,डीवीडी प्लेयर और उम्दा इंटरनेट सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।

प्राे.पिल्लई ने बताया कि इस ज्ञान-विज्ञान मेल को चलाने का उद्देश्य युवाओं के ड्रॉप ऑउट औसत को कम करना और 18 से 23 वर्ष के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रति जागरूक करना है। ताकि, देश की युवा पीढ़ी पढ़-लिखकर बेहतर भविष्य का निर्माण कर सके। इग्नू के स्कूल ऑफ ट्रांसलेशन स्टडिज एंड ट्रेनिंग निदेशक प्रो.अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि दो अक्टूबर से चलने वाली ट्रेन देशभर के 75 स्टेशनों का सफर करेगी। इस दौरान प्रत्येक स्टेशन पर यह तीन-तीन दिन रुकेगी।

यह रेल कुल आठ महीने तक चलेगी, यानि 2012 तक यह रेल चलती रहेगी। इस रेल में क्लास रूम की भी सुविधा दी गई है। इसमें 36 शिक्षाविद् सफर करेंगे, जो जगह-जगह कक्षाएं लगाते चलेंगे।

प्रत्येक स्टेशन पर क्षेत्र के 4-5 वालंटियर की मदद ली जाएगी,जो स्टेशनों पर विद्यार्थियों को ज्ञान-विज्ञान मेल तक लाने का काम करेंगे। कोई भी छोटा या बड़ा व्यक्ति स्टेशन पर आकर ज्ञान विज्ञान मेल को देख सकता है और इसके लिए सुबह से शाम तक का समय दिया जाएगा।

प्रो.सिंह ने बताया कि अभी यह तय नहीं हो सका है कि इस रेल को दिल्ली से चलाया जाए या कहीं ओर से,लेकिन उम्मीद है कि यह रेल दिल्ली से ही चलेगी। लाभ की बात करें तो ऐसा अनुमान है कि आठ महीने के सफर में इस रेल से करीब पांच लाख युवाओं को लाभ होगा। प्रत्येक स्टेशन में दो से ढाई हजार विद्यार्थियों -शिक्षकों के इसमें भाग लेने की संभावना जताई गई है।

प्रो.सिंह ने आगे बताया कि आठ महीने के अपने सफर में करीब 250 दिनों तक यह रेल लोगों में शिक्षा के प्रति रुझान पैदा करेगी।

इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी में आवेदन 29 तक

इग्नू के स्कूल ऑफ वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग की ओर से उपलब्ध स्किल्स प्रोग्राम पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। जुलाई सत्र के लिए जारी दाखिलों के लिए अंतिम तिथि 29 जुलाई निर्धारित है।

पाठ्यक्रम की बात करें तो यह विभिन्न स्तर पर इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी से जुड़े अहम पहलुओं की जानकारी छात्रों को देता है। योग्यता की बात करें तो बीएससी (कम्प्यूटर साइंस)/ बीसीए/बीटेक (कम्प्यूटर साइंस) और बीटेक (आईटी) सरीखे पाठ्यक्रम कर चुके छात्र इसमें दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के इच्छुक छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।

Saturday

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समीक्षा : बाजीराव सिंघम में है दम

पिंकी जोशी : फिल्म : सिंघम
कलाकार : अजय देवगन, काजल अग्रवाल, प्रकाश राज
निर्देशक : रोहित शेट्टी
रेटिंग : 4/5


रोहित शेट्टी और अजय देवगन की जोड़ी पिछली पांच फिल्मों की कामयाबी का स्वाद चख चुकी हैं। शायद यही वजह है कि उन्हें अब अपने काम पर पूरा आत्मविश्वास हो चुका है। उनका यही आत्मविश्वास फिल्म सिंघम में भी नजर आता है। अब तक यह जोड़ी दर्शकों के सामने कॉमेडी फिल्में लेकर आयी है। लेकिन इस बार उन्होंने शेर की तरह दहाड़ते हुए दर्शकों के सामने यह दर्शाने की कोशिश की है कि वे हास्य फिल्मों के साथ साथ अन्य जॉनर की फिल्मों का भी निर्माण कर सकते हैं।

सिंघम में हर तरफ अजय देवगन नजर आये हैं। वाकई फिल्म में उनके अभिनय को देखने के बाद यह कहना गलत न होगा कि वे एक शेर की तरह बॉलीवुड में फिर से एक एक्शन हीरो के रूप में वापसी कर रहे हैं। अजय देवगन ने फिल्म के लिए जिस तरह से मेहनत की है। वह साफतौर पर बाजीराव के रूप में नजर आ रहा है। भले ही यह फिल्म दक्षिण की फिल्म का रीमेक हो। लेकिन अजय ने इसे हिंदी फिल्म के रूप में भी जीवंत किया है।

सिंघम एक ईमानदार पुलिस बाजीराव सिंघम की कहानी है। वह अन्याय बर्दाश्त नहीं कर सकता। फिर चाहे वह कोई भी हो। इसी क्रम में वह एक राजनेता से लड़ भिड़ जाता है। शिके्र नामक राजनेता ने भी ठान लिया है कि वह सिंघम को कहीं का नहीं छोड़ेगा। निस्संदेह ऐसी कई कहानियां हिंदी सिनेमा में लगातार दर्शायी जाती रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ पुलिस ऑफिसर की आवाज उठायी जाती रही है। सिंघम कहानी के रूप में कुछ भी अनोखा नहीं है।

लेकिन इसके बावजूद वह अलग है। अजय देवगन का सिंघम रूपी दहाड़ दर्शकों को बेहद भायेगा। भ्रष्टाचार से लड़ते लड़ते सिंघम को भी काव्या नामक लड़की से प्यार हो जाता है। लेकिन सिंघम का पूरा ध्यान अपने काम पर है। शिक्रेर से भिड़ने की वजह से उसे ट्रांसफर कर गोवा भेज दिया जाता है। लेकिन सिंघम वहां भी अपनी ईमानदारी का परचम लहराता है।

गौरतलब है कि पिछली कई फिल्में गोवा को केंद्रित करके बनाई जा रही हैं। और वहां होनेवाले काले धंधों का पर्दाफाश कर रही है। सिंघम भी इसका विस्तार करती है। निस्संदेह फिल्म की शुरुआत व बाजीराव सिंघम का लुक दबंग के चुलबुल पांडे की तरह नजर आता है,चूंकि दोनों ही पुलिस ऑफिसर की भूमिका में हैं। लेकिन फिल्म आगे बढ़ते ही आपको पूरी तरह से सिंघम के किरदार को देखने के लिए प्रेरित करती है। फिल्म में शानदार एक्शन सीन हैं।

एक्शन सीन के दर्शकों को बेहद पसंद आयेगी यह फिल्म। एक बार फिर से फिल्मों में एक्शन को पसंद किया जायेगा और इसके दृश्यों को यादगार दृश्य माना जायेगा। अजय देवगन एक लंबी पारी के अभिनेता हैं। सभी जानते हैं और उन्होंने फिर से साबित कर दिया है कि वह सुपरस्टार हैं। काजल अग्रवाल को जितने दृश्य दिये गये हैं। उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया है। और प्रकाश राज बुङ्ढा होगा के बाद इस फिल्म में बेहतरीन खलनायक के रूप में उभर कर सामने आये हैं।

असरदार रही भज्जी की धमकी, विज्ञापन वापस

Vijay Mallya
विजय माल्या 
पिंकी जोशी : मुंबई। भारत के सबसे बड़े रिकल किंग विजय माल्या आखिरकार बैकफुट पर आ ही गये। उन पर भज्जी की धमकी का असर देखा जा सकता है , तभी तो विजय माल्या की कंपनी ने भज्जी पर बनाये विज्ञापन को वापस ले लिया है।

इसके पीछे कंपनी हवाला दे रही है कि वो क्रिकेट जैसे पाक खेल को अपने विज्ञापन से परेशान नहीं करना चाहती है और ना ही कोई विवाद खड़ा करना चाहती है इसलिए वो विज्ञापन को वापस ले रही है।

ग़ौरतलब है कि हरभजन सिंह ने विजय माल्या की कंपनी यूबी ग्रुप को एक कानून का नोटिस भेजा था जिसमें कहा गया था कि उनके विज्ञापन में हरभजन सिंह जैसे एक लड़के को दिखा कर उनका और सिक्ख समाज का मज़ाक उड़ाया जा रहा है, इसे तत्काल बंद किया जाये। उन्होंने जो नोटिस भेजा था उसमें बकायदा हरभजन सिंह की मां के हस्ताक्षर थे।

जिसके बाद माल्या ने कहा था कि उन्होंने और उनकी कंपनी ने किसी का कोई मजाक नहीं उड़ाया है। विज्ञापन में जो लड़का दिख रहा है अगर उसकी शक्ल भज्जी से मिल रही है तो वो क्या कर सकते हैं, उन्होने ये भी कहा थी उनके वकील भज्जी के नोटिस को पढ़ रहे है इसलिए अब भज्जी के कोर्ट नोटिस का जवाब कानून प्रकिया के तहत ही दिया जायेगा।

माल्या का कहना था कि जो कुछ भी हो रहा है उसके पीछे इनकी प्रतिद्वंदी कंपनी रॉयल स्टैग का हाथ हैं क्योंकि भज्जी उसके ब्रांड एम्सटर्डम हैं। लेकिन दो दिन बाद ही माल्या अपनी बात से मुकर गये और उन्होंने विज्ञापन वापस ले लिया।

आपको बता दें कि माल्या के प्रोडक्ट मैकडोव्लस का एड कप्तान धोनी करते हैं, विज्ञापन में भज्जी के चेहरे-मोहरे वाले एक सिक्ख पंजाबी युवक के दिखाया जा रहा है, जिसको बतौर कॉमेडी पेश किया गया है, जिस पर भज्जी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए माल्या को नोटिस भिजवा दिया था। इस विवाद के बाद धोनी और भज्जी के बीच में भी मतभेद बताया जा रहा था लेकिन बाद में भज्जी ने इस बात से इंकार कर दिया था।

Thursday

मिसाइल प्रहार का पहला परीक्षण सफल

पिंकी जोशी : भारत ने आज देश में विकसित टैक्टिकल मिसाइल प्रहार का पहला सफल परीक्षण किया। एक चरण की इस मिसाइल में ठोस ईंधन भरा है। ये मिसाइल प्रणाली अलग अलग लक्ष्यों पर मार करने के लिए एक बार में छह मिसाइल दाग सकती है। हमारे संवाददाता ने बताया है कि प्रहार के परीक्षण के लिए एहतियात के तौर पर चांडीपुर रेंज के आसपास के पांच गांव के करीब तीन हजार निवासियों को दूसरी जगह ले जाया गया था।
आज सुबह आठ बजकर दस मिनट पर ओड़िशा तट के पास चांडीपुर आई टी आर के परिसर तीन से यह मिसाइल का परीक्षण किया गया। प्रहार मिसाइल विकास के तहत पिछले चार वर्षो से किया जा रहा था। पारम्परिक रूप से सक्षम मिसाइल ले जाने वाली और ओमनी विकासात्मक हथियार के साथ सुसज्जित प्रहार मिसाइल दोनों सामरिक और रणनीतिक लक्ष्य को मारने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रहार एक सड़क मोबाइल प्रणाली से काम करता है और बहुत सारी केबिना कुछ मिनट के समय में ही तैनात किया जा सकता है। ये मिसाइल १५० किलोमीटर के अन्दर कोई भी लक्ष्य को भेद कर सकता है।
नई तकनीक और बुनियादी ढांचे के बारे में प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने जोर देकर कहा है कि देश में वृद्धि दर की गति बढ़ाने के लिए सरकारी विभागों को नई टैक्नोलॉजी अपनानी चाहिए।
नई दिल्ली में संचार टैक्नॉलजी के बारे में विचार गोष्ठी में श्री पित्रोदा ने कहा कि देशभर में सार्वजनिक क्षेत्र में ब्रॉडबैंड का आवश्यकतानुसार उपयोग किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि अगर देश की वृद्धि दर दहाई में पहुंच जाए तभी गरीबों की समस्याओं का समाधान हो सकता है। उनका यह भी कहना था कि बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों को उन्नत प्रौद्योगिकी से जोड़कर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर १४ प्रतिशत तक हो सकती है।

Tuesday

हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़


सेक्स रैकेट का पर्दाफाशपिंकी जोशी: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साउथ एक्सटेंशन इलाके से सोमवार शाम तीन दलालों सहित छह विदेशी कॉल गर्ल्स को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार दलालों में भी एक विदेशी है. बहरहाल पुलिस को इस रैकेट के सरगना आशीष की अभी भी तलाश है. प्राप्त जानकारी के अनुसार आशीष दिल्ली टॉप एस्कॉर्ट्स नाम से वेबसाइट चलाता है.

पुलिस की गिरफ्त में आईं ये विदेशी लड़कियाँ राजधानी दिल्ली में हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाती थीं.

गिरफ्तार की गई हर कॉल गर्ल को एक लाख रुपये महीने की सैलरी मिल रही थी. विदेशों से आई इन लड़कियों के साथ दो से छह महीने का कॉन्ट्रैक्ट किया गया था. इतना ही नहीं इन्हें 35 हजार रुपये किराए पर फ्लैट भी दिया गया था.

यह लड़कियां बिज़नेस वीज़ा के ज़रिये भारत आकर अपना धंधा धड़ल्ले से चलाती थीं. इनके ग्राहक बड़े- बड़े बिज़नेसमैन और अन्य हाई प्रोफाइल लोग होते थे.

रैकेट का भंडाफोड़ उस वक्त हुआ जब पुलिस ने नकली ग्राहक का जाल बिछा और इन सभी को धर दबोचा. बीस- बीस हज़ार रुपए पर बात तय होने पर जब दलालों ने लड़कियों दिखाईं तो पुलिस ने इन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पता चला कि ये लड़कियाँ सोवियत यूनियन की थीं और छह महीने के वीज़ा पर भारत आई थीं.

पिछले दिनों दक्षिण दिल्ली से पुलिस ने हाई प्रोफाइल दलाल नगमा खान के गैंग का भंडाफोड़ किया था. इसी गैंग के दलालों से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ.

कौन है नगमा खान
नगमा खान वो लड़की है जो जिसने दलाली के ज़रिये महज़ कुछ सालों में ही करोड़ों की संपति खड़ कर ली. जिस्म की दलाली करने वाली इस लड़की के पास से करोड़ों की कीमत के चार फ्लैट, 50 लाख की ऑडी कार बरामद हुई.

पुलिस ने नगमा को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वह अपनी ऑडी कार में चार लड़कियों को लेकर धंधे पर निकली थी. इनके पीछे संजय भाटिया और विजय भाटिया नाम के दो दलाल सैंट्रो कार पर आ रहे थे. प्राप्त जानकारी के अनुसार ये दोनों सोनू पंजाबन के रिश्तेदार हैं.

नगमा खान पहले सऊदी अरब में अपने माता-पिता के साथ रहती थी और पांच साल पहले भारत आई थी. देह व्यापार का धंधा उसने पुणे से शुरू किया. वहां पर एक आपराधिक मामला दर्ज होने के बाद वह दिल्ली चली आई और एक बार फिर से यह धंधा शुरू कर दिया. जल्दी ही नगमा दिल्ली के हाई प्रोफाइल देह व्यापार की बेताज बादशाह बन गई और करोड़ों की संपति जमा कर ली. यह बात उसी प्रतिद्वंद्वी सोनू पंजाबन को बर्दाश्त नहीं हुई और उसने पुलिस में इसकी मुखबिरी कर दी. िस तरह पुलिस नगमा तक पहुंचने में गिरफ्तार हुई.

पूछताछ में पुलिस को पता चला कि नगमा के पास दिल्ली में पांच फ्लैट हैं और एक ऑडी कार है. पुलिस का कहना है कि इस गैंग में कई हाई प्रोफाइल लड़कियाँ काम कर रही थीं. नगमा इन लड़कियों को हर महीने सैलरी भी देती थी. इतना ही नहीं वह अपने ग्राहकों को आकर्षक पैकेज भी देती थी.

Monday

तेंडुलकर के अंदर भी कमजोरियां हैं:माइकल वॉन

पिंकी जोशी : लंदन. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और कलात्मक बल्लेबाज माइकल वॉन ने सचिन को लेकर बयानबाजी का सिलसिला जारी रखा है। वॉन एक ब्रिटिश अख़बार के लिए लिखे लेख में कहा है कि सचिन दुनिया के महानतम बल्लेबाज जरूर हैं, लेकिन वह भी इंसान हैं। उनका कहना है कि अगर इंग्लिश गेंदबाज सही गेंदबाजी करें और बुनियादी चीजें बेहतर तरीके से करें।

वॉन के मुताबिक, 'इंग्लैंड को याद रखना होगा कि तेंडुलकर एक इंसान हैं। वह भी गलतियां करते हैं। उन्हें जुबान चलाना भी बंद करना होगा। इंग्लिश गेंदबाजों को अपनी गेंद से ही जवाब देना चाहिए। तेंडुलकर ने यही काम अपने बल्ले से पिछले 20 सालों में किया है।' वॉन का यह लेख डेली टेलीग्राफ में छपा है।

तेंडुलकर की जमकर तारीफ करते हुए वॉन ने माना कि भारत के लिए सचिन बहुत अहम साबित होंगे। तेंडुलकर के साथ ही वॉन ने टीम इंडिया की शान में भी कसीदे पढ़े। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम साल दर साल बेहतर होती जा रही है। वॉन के मुताबिक, 'दो दशक बीत जाने के बावजूज आज भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके बल्ले की धाक बरकरार है। वे शतकों के शतक की दहलीज पर खड़े हैं। यह असाधारण उपलब्धि है। लोग यह पूछते हैं कि वह इतने अच्छे क्यों हैं और उन्हें क्या चीज दूसरों से अलग करती है?'

वॉन ने तेंडुलकर की तारीफ करते हुए कहा, 'मैं महान बल्लेबाजों के समय में उनके साथ खेला हूं, लेकिन तेंडुलकर उस सूची में नंबर एक हैं। क्योंकि उन्होंने जबर्दस्त दबाव के बीच करोड़ों लोगों की उम्मीद को ढोया है। वे भारत में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति से ज़्यादा मशहूर हैं। वे हर बार जब क्रीज पर जाते हैं तो उन्हें अपनी छवि और लोकप्रियता से उपजी उम्मीद का दबाव झेलना होता है। उनकी तकनीक शानदार है और जब भी वे क्रीज पर जाते हैं तो सब चीजें बेहतर हो जाती हैं।'

वॉन ने कहा, 'पिछले एक दशक में बल्लेबाजी की तकनीक को लेकर ट्रिगर मूवमेंट और फॉरवर्ड प्रेसेज जैसे मुहावरे हमारे सामने आए हैं। लेकिन सचिन की खासियत यही है कि वह एक ही जगह पर खड़े होकर चारों ओर शॉट लगाते हैं। अगर आप काग़ज़ और कलम लेकर किसी आदर्श बल्लेबाज की रूपरेखा उकरेंगे तो उसमें आपको तेंडुलकर की छवि नज़र आएगी।'

लेकिन वॉन यह मानते हैं, 'तेंडुलकर जब शुरुआत करते हैं तो उनके आउट होने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है। सभी बल्लेबाजों की तरह पारी की शुरुआत में जब गेंद ऑफ स्टंप के आसपास टप्पा खाकर मिडल स्टंप की तरफ रुख करती है तो वे अक्सर मुश्किल में पड़ जाते हैं। ऐसी गेंद जो ऑफ स्टंप पर गिरकर मिडल स्टंप की तरफ आती है, वह तेंडुलकर को शुरुआत में थोड़ा परेशान करती है।'
वॉन ने सचिन की बल्लेबाजी में खामी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पारी की शुरुआत में गेंद को ड्राइव करते हुए कई बार बोल्ड या एलबीडब्लू होते हुए देखा है। उनके मुताबिक इंग्लैंड के गेंदबाज लिटिल चैंपियन को परेशान करने के लिए शॉर्ट गेंद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। ऐसी हालत में क्रिस ट्रेमलेट अहम गेंदबाज साबित होंगे।

हरभजन ने यूबी स्प्रिट्स को भेजा नोटिस

पिंकी जोशी : भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने धोनी के विज्ञापन पर उठे बवाल पर यूबी स्प्रिट्स को नोटिस भेजा है.
इस विज्ञापन में धोनी को हरभजन का मजाक उड़ाते देखा गया है.
हरभजन के वकीलों ने नोटिस में कहा है कि इस विज्ञापन में हरभजन,उनके परिवार और सिख समुदाय का मजाक उड़ाया गया है.
श्याम दिवानी ने कहा इस विज्ञापन से उनके परिजन परेशान हैं.
इस मामले पर हरभजन की मां श्रीमती अवतार कौर ने कहा कि इस प्रकार के विज्ञापन भारतीय टीम में बटवारे और अविश्वास लाते हैं और इसे देश विरोधी करार देना चाहिए.
नोटिस में मांग की गयी है कि यूबी स्प्रिट्स हरभजन के परिवार से अखबारों और टेलीविजन के माध्यम से माफी मांगे.
माल्या के अलावा यूबी के कार्यकारी उपाध्यक्ष एसआर गुप्ते, चेयरमैन और सीएफओ रवि नेदुनगडी, उपाध्यक्ष हरीश भट और कार्यकारी उपाध्यक्ष ‘कारपारेट’ नंदनी वर्मा को भी नोटिस भेजा गया है.
इसमें नोटिस की लागत के लिये क्रिकेटर के परिवार ने एक लाख रुपये के मुआवजे की मांग भी की है.
हरभजन और धोनी दो अलग-अलग ब्रांड का विज्ञापन करते हैं.
भारतीय कप्तान मैकडोवेल नंबर वन प्लेटिनम के विज्ञापन में कथित तौर पर हरभजन का मजाक उड़ाते हैं. हरभजन रायल स्टैग का विज्ञापन करते हैं.
रायल स्टैग और मैकडोवेल नंबर वन दोनों के बीच बाजार में व्हिस्की ब्रांड्स को लेकर प्रतिद्वंद्विता है. यह विज्ञापन हालांकि सोडा ब्रांड का है.

Sunday

अब ऐसे बनाये अपना कैरियर !

पिंकी जोशी
भाषाओं से बनाएँ कैरियर
भाषाओं से बनाएँ कैरियर
     
युवाओं को अब ऐसे कैरियर की तलाश रहती है, जिसमें सामान्य से कुछ अलग हो। ऐसा कुछ हो, जिसमें दुनिया भी घुमी जाए और साथ में अच्छा पैसा भी कमाया जा सके। युवा साथी अपने मन के कैरियर का चुनाव कर नहीं पाते और मजबूरन उन्हें भेड़ चाल चलना पड़ती है। 
मोबाइल की तरंगों पर करियर
मोबाइल की तरंगों पर करियर
    
मोबाइल वैल्यू एडेड सर्विस (वैस) को टेलीकॉम के क्षेत्र में तेजी से उभरती हुई टेक्नोलॉजी के तौर पर देखा जा सकता है। कुछ वर्षों पहले तक टेलीफोन का अर्थ महज बात करने तक सीमित था लेकिन अब इस क्षेत्र में आई विस्फोटक क्रांति की बदौलत मोबाइल फोन के माध्यम से असीमित तरह की सेवाएँ टेलीकॉम कंपनियाँ अपने उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जा रही हैं। 
ऐसे बढ़ती हैं काम में गलतियाँ
   
अगर आप कामकाजी हैं और आप का बॉस अखड़ स्वभाव का खडूस है, आपके साथी अक्रामक हैं, बात-बात पर लड़ने के लिए उतारू हो जाते हैं तो आप अपने कार्यालय के साथियों के इस अभद्र व्यवहार के प्रति सावधान रहें। साथियों के ऐसे व्यवहार से आपके काम में गलतियाँ हो सकती हैं।
एनजीओ मैनेजमेंट में करियर
एनजीओ मैनेजमेंट में करियर
 
वर्तमान समय में किसी एनजीओ अर्थात गैर सरकारी संस्था का मैनेजमेंट एक बहुत महत्वपूर्ण काम हो गया है। एनजीओ द्वारा प्रतिवर्ष अरबों रुपए की सुविधाएँ एवं सेवाएँ करोड़ों लोगों तक पहुँचाई जा रही हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में एनजीओ कृषि और सर्विस सेक्टर के बीच सेतु का काम कर रहे हैं।
फॉरेंसिक एकाउंटेंट्स की माँग
फॉरेंसिक एकाउंटेंट्स की माँग
   
कंपनियों का महज लेखा-खाता तैयार करने तक ही इनका काम सीमित नहीं है बल्कि इन्वेस्टर्स, शेयर होल्डर्स, इनकम टेक्स विभागों आदि को धोखा देने के इरादे से तैयार जाली एकाउंट्स का पता लगाना और दोषी लोगों तक पहुँचने में मदद करने का भी इनका काम है।

Saturday

दलाई लामा से ओबामा के मिलने पर बिफरा चीन

पिंकी जोशी  

व्हाईट हाउस में राष्ट्रपति ओबामा ने तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा का स्वागत क्या किया चीन की त्यौरियां चढ़ गई हैं. चीन ने साफ कर दिया है कि इस मुलाकात ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को बिगाड़ दिया है.चीन विदेश मंत्रालय से जारी लिखित बयान के आधार पर चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने लिखा है, इस तरह की गतिविधि ने पूरी तरह से चीन के आंतरिक मामले में दखलंदाजी की है, चीनी लोगों की भावना को ठेस पहुंचाई है और चीन अमेरिका के रिश्ते बिगाड़ा है. दलाई लामा से अमेरिकी राष्ट्रपति की मुलाकात बहुत सादे ढंग से हुई. परंपरा ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति दुनिया भर के नेताओं से अपने दफ्तर ओवल ऑफिस में मिलते हैं लेकिन ये मुलाकात कहीं और हुई.

दखलंदाजी बंद करे
चीन तिब्बत को अपना 'अटूट' हिस्सा और दलाई लामा को 'देश बांटने वाला' शख्स मानता है. चीन की सरकार दलाई लामा से विदेशी नेताओं की मुलाकात का लगातार विरोध करती रही है. दलाई लामा कहते हैं कि वो शांतिपूर्ण तरीके से चीनी शासन के अधीन रह कर तिब्बत के लोगों के लिए ज्यादा अधिकार की मांग कर रहे हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मा झाक्सू ने कहा है, "हम अमेरिका से यह मांग करते हैं कि वह चीन के रुख पर गंभीरता से विचार करे, विनाशकारी प्रभावों को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए, चीन के आंतरिक मामले में दखल देना बंद करे और तिब्बत की आजादी की मांग करने वाले चीन विरोधी अलगाववादियों को समर्थन देना बंद करे.
शिन्हुआ की खबर के मुताबिक चीन ने ये भी कहा है कि यह मुलाकात अमेरिकी प्रतिबद्धता के खिलाफ हुई है. हालांकि इस बारे में ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया गया है. चीन ने अमेरिकी राजदूत को रविवार की सुबह तड़के इस मुलाकात पर विरोध जताने के लिए हाजिर होने को कहा है.
चीन की चेतावनी 
चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि वह दलाई लामा का स्वागत न करे और जैसे ही ओबामा से उनके मुलाकात की बात सामने आई इस मामले में आधिकारिक विरोध भी जता दिया गया. चीन के विरोध को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति ओबामा शनिवार को व्हाईट हाउस में उसने मुलाकात की और तिब्बत में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता जताई. व्हाईट हाउस के अधिकारियों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच करीब 44 मिनट तक बातचीत हुई. मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति  के दफ्तर की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "इस मुलाकात ने इससे बात की ओर ध्यान दिलाया है कि राष्ट्रपति तिब्बत की अनोखी सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई पहचान और तिब्बत में मानवाधिकारों के संरक्षण का मजबूती से समर्थन करते हैं."  इससे  पहले फरवरी 2010 में दलाई लामा ने राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात की थी.
चिंता समझे ओबामा
राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात के बाद दलाई लामा ने कहा कि उन्हें महसूस हुआ कि राष्ट्रपति मानवीय स्तर के काफी करीब हैं और उन्होंने तिब्बत के उन हालात पर उनकी चिंता को समझा, जिनकी वजह से सुरक्षा के लिए उन्हें 1959 में भाग कर भारत जाना पड़ा था. चीन ने दलाई लामा के दूत से 9 बार बातचीत की है. आखिरी बातचीत जनवरी 2010 में हुई थी. हालांकि इस बातचीत का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. ज्यादातर तिब्बती यही मानते हैं कि चीन 76 साल के दलाई लामा की मौत का इंतजार कर रहा है और ये समझता है कि तिब्बती लोगों के लिए ज्यादा अधिकार की मांग उनके न रहने पर कमजोर पड़ जाएगी.
दलाई लामा की अमेरिका यात्रा ऐसे जब चीन और अमेरिका के रिश्ते नाजुक दौर से गुजर रहे हैं. दक्षिणी चीन सागर में चीन और पांच दूसरे देशों के बीच इलाकाई तनाव जोरों पर है. दूसरी तरफ ओबामा प्रशासन तेजी से आर्थिक और सैनिक ताकत के रूप में उभरते चीन से स्थायी रिश्ते की बात कर रहा है. जनवरी में राष्ट्रपति हू जिनताओ की अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिका में उनका ऐतिहासिक स्वागत हुआ.
रिपोर्टः एजेंसियां/