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ज्ञान-विज्ञान मेल’ से पाएं नई जानकारियां

पिंकी जोशी : नई दिल्ली. युवा पीढ़ी में शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी नई-नई जानकारियों के प्रचार-प्रसार के लिए अब ‘ज्ञान-विज्ञान मेल’ की मदद ली जाएगी। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के इस प्रयास के तहत देशभर में करीब आठ महीनों तक ज्ञान-विज्ञान मेल चलाकर युवाओं को बताया जाएगा कि वे किस तरह अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा का सहारा ले सकते हैं।

करीब 2.7 करोड़ रुपए की लागत वाली इस योजना के लिए राजधानी एक्सप्रेस की तर्ज पर एक रेल तैयार की जा रही है।

इग्नू के कुलपति प्रो.वीएन राजशेखरन पिल्लई की मानें तो दो अक्टूबर से शुरू होने वाली यह रेल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से चलाई जा रही है। यह रेल विभाग के साइंस एक्सप्रेस रेल को बदलकर तैयार की जा रही है। इसमें 16 कंपार्टमेंट होंगें,जिसके एक कोच में 30 पैनल होंगें। इनमें विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षा संबंधी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। रेल में दो एलसीडी स्क्रीन,डीवीडी प्लेयर और उम्दा इंटरनेट सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।

प्राे.पिल्लई ने बताया कि इस ज्ञान-विज्ञान मेल को चलाने का उद्देश्य युवाओं के ड्रॉप ऑउट औसत को कम करना और 18 से 23 वर्ष के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रति जागरूक करना है। ताकि, देश की युवा पीढ़ी पढ़-लिखकर बेहतर भविष्य का निर्माण कर सके। इग्नू के स्कूल ऑफ ट्रांसलेशन स्टडिज एंड ट्रेनिंग निदेशक प्रो.अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि दो अक्टूबर से चलने वाली ट्रेन देशभर के 75 स्टेशनों का सफर करेगी। इस दौरान प्रत्येक स्टेशन पर यह तीन-तीन दिन रुकेगी।

यह रेल कुल आठ महीने तक चलेगी, यानि 2012 तक यह रेल चलती रहेगी। इस रेल में क्लास रूम की भी सुविधा दी गई है। इसमें 36 शिक्षाविद् सफर करेंगे, जो जगह-जगह कक्षाएं लगाते चलेंगे।

प्रत्येक स्टेशन पर क्षेत्र के 4-5 वालंटियर की मदद ली जाएगी,जो स्टेशनों पर विद्यार्थियों को ज्ञान-विज्ञान मेल तक लाने का काम करेंगे। कोई भी छोटा या बड़ा व्यक्ति स्टेशन पर आकर ज्ञान विज्ञान मेल को देख सकता है और इसके लिए सुबह से शाम तक का समय दिया जाएगा।

प्रो.सिंह ने बताया कि अभी यह तय नहीं हो सका है कि इस रेल को दिल्ली से चलाया जाए या कहीं ओर से,लेकिन उम्मीद है कि यह रेल दिल्ली से ही चलेगी। लाभ की बात करें तो ऐसा अनुमान है कि आठ महीने के सफर में इस रेल से करीब पांच लाख युवाओं को लाभ होगा। प्रत्येक स्टेशन में दो से ढाई हजार विद्यार्थियों -शिक्षकों के इसमें भाग लेने की संभावना जताई गई है।

प्रो.सिंह ने आगे बताया कि आठ महीने के अपने सफर में करीब 250 दिनों तक यह रेल लोगों में शिक्षा के प्रति रुझान पैदा करेगी।

इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी में आवेदन 29 तक

इग्नू के स्कूल ऑफ वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग की ओर से उपलब्ध स्किल्स प्रोग्राम पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। जुलाई सत्र के लिए जारी दाखिलों के लिए अंतिम तिथि 29 जुलाई निर्धारित है।

पाठ्यक्रम की बात करें तो यह विभिन्न स्तर पर इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी से जुड़े अहम पहलुओं की जानकारी छात्रों को देता है। योग्यता की बात करें तो बीएससी (कम्प्यूटर साइंस)/ बीसीए/बीटेक (कम्प्यूटर साइंस) और बीटेक (आईटी) सरीखे पाठ्यक्रम कर चुके छात्र इसमें दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के इच्छुक छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।

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