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दलाई लामा से ओबामा के मिलने पर बिफरा चीन

पिंकी जोशी  

व्हाईट हाउस में राष्ट्रपति ओबामा ने तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा का स्वागत क्या किया चीन की त्यौरियां चढ़ गई हैं. चीन ने साफ कर दिया है कि इस मुलाकात ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को बिगाड़ दिया है.चीन विदेश मंत्रालय से जारी लिखित बयान के आधार पर चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने लिखा है, इस तरह की गतिविधि ने पूरी तरह से चीन के आंतरिक मामले में दखलंदाजी की है, चीनी लोगों की भावना को ठेस पहुंचाई है और चीन अमेरिका के रिश्ते बिगाड़ा है. दलाई लामा से अमेरिकी राष्ट्रपति की मुलाकात बहुत सादे ढंग से हुई. परंपरा ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति दुनिया भर के नेताओं से अपने दफ्तर ओवल ऑफिस में मिलते हैं लेकिन ये मुलाकात कहीं और हुई.

दखलंदाजी बंद करे
चीन तिब्बत को अपना 'अटूट' हिस्सा और दलाई लामा को 'देश बांटने वाला' शख्स मानता है. चीन की सरकार दलाई लामा से विदेशी नेताओं की मुलाकात का लगातार विरोध करती रही है. दलाई लामा कहते हैं कि वो शांतिपूर्ण तरीके से चीनी शासन के अधीन रह कर तिब्बत के लोगों के लिए ज्यादा अधिकार की मांग कर रहे हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मा झाक्सू ने कहा है, "हम अमेरिका से यह मांग करते हैं कि वह चीन के रुख पर गंभीरता से विचार करे, विनाशकारी प्रभावों को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए, चीन के आंतरिक मामले में दखल देना बंद करे और तिब्बत की आजादी की मांग करने वाले चीन विरोधी अलगाववादियों को समर्थन देना बंद करे.
शिन्हुआ की खबर के मुताबिक चीन ने ये भी कहा है कि यह मुलाकात अमेरिकी प्रतिबद्धता के खिलाफ हुई है. हालांकि इस बारे में ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया गया है. चीन ने अमेरिकी राजदूत को रविवार की सुबह तड़के इस मुलाकात पर विरोध जताने के लिए हाजिर होने को कहा है.
चीन की चेतावनी 
चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि वह दलाई लामा का स्वागत न करे और जैसे ही ओबामा से उनके मुलाकात की बात सामने आई इस मामले में आधिकारिक विरोध भी जता दिया गया. चीन के विरोध को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति ओबामा शनिवार को व्हाईट हाउस में उसने मुलाकात की और तिब्बत में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता जताई. व्हाईट हाउस के अधिकारियों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच करीब 44 मिनट तक बातचीत हुई. मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति  के दफ्तर की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "इस मुलाकात ने इससे बात की ओर ध्यान दिलाया है कि राष्ट्रपति तिब्बत की अनोखी सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई पहचान और तिब्बत में मानवाधिकारों के संरक्षण का मजबूती से समर्थन करते हैं."  इससे  पहले फरवरी 2010 में दलाई लामा ने राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात की थी.
चिंता समझे ओबामा
राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात के बाद दलाई लामा ने कहा कि उन्हें महसूस हुआ कि राष्ट्रपति मानवीय स्तर के काफी करीब हैं और उन्होंने तिब्बत के उन हालात पर उनकी चिंता को समझा, जिनकी वजह से सुरक्षा के लिए उन्हें 1959 में भाग कर भारत जाना पड़ा था. चीन ने दलाई लामा के दूत से 9 बार बातचीत की है. आखिरी बातचीत जनवरी 2010 में हुई थी. हालांकि इस बातचीत का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. ज्यादातर तिब्बती यही मानते हैं कि चीन 76 साल के दलाई लामा की मौत का इंतजार कर रहा है और ये समझता है कि तिब्बती लोगों के लिए ज्यादा अधिकार की मांग उनके न रहने पर कमजोर पड़ जाएगी.
दलाई लामा की अमेरिका यात्रा ऐसे जब चीन और अमेरिका के रिश्ते नाजुक दौर से गुजर रहे हैं. दक्षिणी चीन सागर में चीन और पांच दूसरे देशों के बीच इलाकाई तनाव जोरों पर है. दूसरी तरफ ओबामा प्रशासन तेजी से आर्थिक और सैनिक ताकत के रूप में उभरते चीन से स्थायी रिश्ते की बात कर रहा है. जनवरी में राष्ट्रपति हू जिनताओ की अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिका में उनका ऐतिहासिक स्वागत हुआ.
रिपोर्टः एजेंसियां/

2 comments:

  1. सुंन्दर ब्लॉग पिंकी जी इस के लिए आपको बधाई

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  2. अच्छा ब्लॉग पिंकी जी सुन्दर टेम्पलेट

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